Tuesday, November 30, 2010

कुछ दूर हमारे साथ चलो ...

कुछ दूर हमारे साथ चलो हम दिल की कहानी कह देंगे
समझे न जिसे तुम आँखों से वो बात ज़बानी कह देंगे

फूलों की तरह जब होंठों पर इक शोख़ तबस्सुम बिखरेगा
धीरे से तुम्हारे कानों में इक बात पुरानी कह देंगे

इज़हार-ए-वफ़ा तुम क्या समझो इक़रार-ए-वफ़ा तुम क्या जानो
हम ज़िक्र करेंगे ग़ैरों का और अपनी कहानी कह देंगे

मौसम तो बड़ा ही ज़ालिम है तूफ़ान उठाता रहता है
कुछ लोग मगर इस हलचल को बदमस्त जवानी कह देंगे

Monday, November 22, 2010

मैं नशे में हूँ !!!

ठुकराओ या अब के प्यार करो मैं नशे में हूँ
जो चाहो मेरे यार करो मैं नशे में हूँ

अब भी दिला रहा हूँ यकीं-ऐ-वफ़ा मगर
मेरा ना एतबार करो मैं नशे में हूँ

गिरने दो तुम मुझे, मेरा साग़र संभाल लो
इतना तो मेरे यार करो मैं नशे में हूँ

मुझको कदम कदम पे भटकने दो वाइज़ों
तुम अपना कारोबार करो मैं नशे में हूँ

फ़िर बेखुदी में हद से गुज़रने लगा हूँ मैं
इतना ना मुझसे प्यार करो मैं नशे में हूँ



Monday, June 14, 2010

सार्वजनिक उपक्रमों पर पहला पोर्टल

अपने देश में पहली प्रकार के एक उद्यम में, वरिष्ठ पत्रकार विवेक अवस्थी भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए पहले निजी पोर्टल www.psuindia.in नाम शुरू कर दिया है

भारत के 246 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों जो केंद्रीय सरकार के साथ हो गया है. सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों बुरे समय सहा है, लेकिन वैश्विक मंदी को देखा जो विश्व शक्तियों हिल के लिए गिर नहीं है. पर इसके विपरीत, भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों उड़ान रंगों में इन बार के बाहर आ गए हैं, उनके झंडे चमकता उज्ज्वल है और उच्च.

निजी कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद, औसत प्रतिशत और सार्वजनिक उपक्रमों का शुद्ध लाभ 8 प्रतिशत से वर्ष 2000 में वृद्धि हुई है 2009 में 14.5 प्रतिशत करने के लिए. लाभांश हिस्सा करने के लिए इसके अलावा, वे उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क, निगमित कर और ऋण, जो रुपए की राशि के ब्याज के मामले में एक प्रमुख योगदानकर्ता किया गया है. पिछले वित्तीय वर्ष में 15,1728 करोड़ रुपए है. कुल विदेशी मुद्रा उनके द्वारा अर्जित रुपये के बराबर है. 74,000 करोड़ रुपए है.

246 सार्वजनिक उपक्रमों में से सात देश में बीमा कंपनियों, को छोड़कर, 33 कार्यों के लिए अभी तक शुरू कर रहे हैं. 213 के संचालन के अब तक केवल 54 सार्वजनिक उपक्रमों घाटे में रहे हैं, जबकि दूसरों को बहुत अच्छी तरह से कर रहे हैं. पिछले एक दशक में सार्वजनिक उपक्रमों बनाने नुकसान आधा द्वारा 1999-2000 में 105 के उच्च से हटा दिया गया है की संख्या. उनके देश के सकल घरेलू उत्पाद का योगदान 6.49 प्रतिशत है.

लेकिन जब वहाँ कई उद्योग या शेयर बाजार, समाचार और सार्वजनिक उपक्रमों सही तिमाहियों तक नहीं पहुँचती है के योगदान को समर्पित वेबसाइटों - कि देश का आम आदमी होता है. मुझे लगा कि देश के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए एक समर्पित पोर्टल के लिए एक तत्काल आवश्यकता थी और मैं आगे इस - वेबसाइट www.psuindia.in - एक देश के सर्वरों के लिए समर्पित पोर्टल के रूप में मेरा मानना है के साथ आए हैं ताकि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों गुमनाम हीरो है जो आधुनिक भारत के निर्माण में एक प्रमुख भूमिका निभाई है रहे हैं.

विवेक अवस्थी पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 19 वर्षों के लिए किया गया है. वह नई दिल्ली में एक अपराध संवाददाता के रूप में पैट्रियट अखबार से अपना कैरियर शुरू किया. वह बीआई टी वी के साथ टेलीविजन समाचार के लिए आधार के स्थानांतरण से पहले हिंदुस्तान टाइम्स और पायनियर साथ काम किया. वह प्रारंभिक आजतक समाचार स्वर्गीय श्री एस.पी. सिंह के नेतृत्व में बुलेटिन का एक हिस्सा था. बाद में उन्होंने जी टीवी के साथ काम किया जहां उन्होंने ज़ी न्यूज के नींव रखने में सक्रिय था. उन्होंने स्टार न्यूज के साथ काम किया है जब स्टार न्यूज एनडीटीवी के साथ तरीके जुदा. वह दिल्ली आजतक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इस उद्यम को सफल बनाने के बाद चैनल शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, वह लगभग तीन साल के लिए नेटवर्क के 18 समूह IBN7 के साथ काम किया जिसके बाद वह छोड़ दिया और अपने उद्यम - शुरू छवि Mentors जिसके बाद वह शुरू हो गया है इस - www.psuindia.in वेबसाइट

धन्यवाद,

विवेक अवस्थी
संपादक और सीईओ
www.psuindia.in

Saturday, January 30, 2010

अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!

वृक्ष हों भले खड़े, हों घने,
हों बड़े, एक पत्र-छाँह भी माँग मत,
माँग मत, माँग मत!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!

तू न थकेगा कभी!
तू न थमेगा कभी!
तू न मुड़ेगा कभी!
कर शपथ! कर शपथ! कर शपथ!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!

यह महान दृश्‍य है
चल रहा मनुष्‍य है
अश्रु-स्वेद-रक्‍त से लथपथ, लथपथ, लथपथ!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!

- हरिवंशराय बच्चन