Friday, December 11, 2009

अब कहानियों में होगा "हमारा बजाज"

जिंगल में हमसे वादा किया गया था कि बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर आज और कल भी हमारे साथ रहेगी। हिंदुस्तान की दो पीढ़ियां इस जिंगल को गुनगुनाते हुए बड़ी हुईं। हालांकि लाइसेंस-परमिट राज से बाहर निकलकर भारत जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच अपना मुकाम पाने के करीब है तो यहां तक हमें लेकर आने वाले स्कूटर की आवाज मद्धम पड़ती जा रही है।

बजाज ऑटो ने बुधवार को एलान किया कि वह स्कूटर कारोबार से पूरी तरह बाहर निकलने जा रही है। इसके साथ ही बजाज स्कूटर के जाने-माने मॉडलों पर परदा गिरने की घड़ी आ गई। कंपनी ने तीन साल पहले ही चेतक मॉडल बनाना बंद कर दिया था। कभी यह देश में सबसे ज्यादा बिकने वाला स्कूटर था। बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज के मुताबिक इस कारोबारी साल के अंत तक कंपनी क्रिस्टल सीरीज के स्कूटर का उत्पादन भी बंद कर देगी। कंपनी के इस मॉडल को कामयाबी नहीं मिल पाई।


1980 के दशक में 'हमारा बजाज' कर्मशियल्स बनाने वाली ऐड एजेंसी लोवे इंडिया के चेयरमैन आर बाल्की कहते हैं, 'कभी घोड़ागाड़ी का वक्त था, अब मोटरसाइकिल का दौर है। आज मोटरसाइकिल मध्यवर्ग की पहचान हैं।' उन्होंने कहा, 'भारत बदल रहा है, बुलंद बदल रहा है और बजाज भी बदल रही है।' हमारा बजाज को 1990 के दशक के आखिर में बड़े बदलाव का सामना करना पड़ा। तब ज्यादा माइलेज को हीरो होंडा ने हथियार बनाया और रातोरात दोपहिया बाजार का पलड़ा मोटरसाइकिल की ओर झुक गया।

इससे करीब 10 साल पहले चेतक की डिलीवरी के लिए लोगों को सालों इंतजार करना पड़ता था। आलम यह था कि राजीव बजाज के पिता और बजाज ऑटो के चेयरमैन राहुल बजाज ने परमिट से ज्यादा स्कूटर बनाने पर सरकार को उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती दी थी। इस लाइसेंस-परमिट राज की वजह से बजाज के स्कूटरों की कालाबाजारी भी होती थी। कुछ लोग स्कूटर की डिलीवरी मिलने पर उसे मुनाफे पर दूसरों को बेच देते थे। तब बजाज की टक्कर एलएमएल से थी। इस कंपनी ने प्रति स्कूटर 500 रुपए बुकिंग चार्ज से करीब 120 करोड़ रुपए जमा किए थे। इनमें से आधे की डिलीवरी कभी नहीं हुई और बाद में मोटरसाइकिल की बिक्री बढ़ने के कुछ ही वक्त बाद कंपनी बंद हो गई।

बजाज परिवार की अगली पीढ़ी ने मोटरसाइकिल पर फोकस किया। हालांकि स्कूटर कारोबार को भी साथ-साथ जारी रखने का फैसला हुआ। 90 के दशक के आखिर में चेतक टू स्ट्रोक इंजन से फोर स्ट्रोक इंजन में बदला। इसमें कई गैजेट्स भी जोड़े गए। इसके बाद चेतक का ऑटोमैटिक वर्जन बाजार में आया।

Source: इकनॉमिक टाइम्स

Thursday, November 26, 2009

२६ नवम्बर को हम चुप नहीं रहेगे

आईडिया मोबाइल २६ नबम्बर को 8.36 PM - 9.36 PM‏ के बीच, हम राष्ट्र के लिए बात करेंगे और अपनी सलामी समय नायकों और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करेगे

Monday, September 21, 2009

ऑनलाइन रामलीला


अब दिल्ली में प्रसिद्ध रामलीला ऑनलाइन हो गयी हैं। महत्वाकांक्षी प्रस्ताव के अनुसार, अब ऑनलाइन रामलीला तथा उसके क्लीपिंगस देख सकते है।

यह सेवा भारत कम बाहर दर्शकों को अधिक आकर्षित करने की उम्मीद है।
वेबसाइट है : http://www.lavkush.com/online.htm

Friday, September 18, 2009

ऐ भाई! ज़रा देख के ...

भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबित, २ करोड़ से भी ज्यादा १ हज़ार के नकली नोट भारत में प्रवेश कर चुके है, जिनकी सीरियल नम्बर 2 AQ and 8 AC से है।

कृपया करके आप भी इस बात को ध्यान रखे और इस सीरियल नंबर के नोटों को देख के ले।
मैं भारतीय रिजर्व बैंक की वो पत्र भी संलग्नक कर रहा हूँ। जिसमे सूचना दी गयी है।


Tuesday, September 15, 2009

गूगल का आनलाइन न्यूज रीडर ‘फास्ट फ्लिप’

इंटरनेट सर्च इंजन गूगल ने आज आनलाइन न्यूज रीडर ‘फास्ट फ्लिप’ शुरू किया। इसमें बीबीसी , दी न्यूयार्क टाइम्स, दी वाशिंगटन पोस्ट और अन्य प्रमुख मीडिया से खबरों को शामिल किया जाएगा।

सेनफ्रांसिस्को में टेकक्रंच 50 तकनीकी सम्मेलन में फास्ट फ्लिप का उद्घाटन करने वाले गूगल ने बताया कि इसमें एक पत्रिका की तरह बिना किसी देरी के तेजी से पन्नों को पलटा जा सकेगा।

इसमें आनलाइन पन्नों को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि पाठक एक लेख से तुरंत दूसरे लेख पर क्लिक कर सकेगा। बीबीसी और अन्य प्रमुख दैनिकों के अलावा अटलांटिक, बिजनेस वीक, कोस्मोपोलिटन, ऐली, मैरी क्लेयर, न्यूजवीक तथा पापुलर मैकेनिक्स जैसी पत्रिकाओं की पठन सामग्री को डाला जाएगा।

Thursday, September 3, 2009

आज पंडित किशन महाराज जी का जन्मदिन !

महान तबला वादक पंडित किशन महाराज का आज जन्मदिन है। उन्ही की याद में उनके तथा उनके पुत्र पंडित पूरन महाराज का तबला वादन की एक झलकी ...

Monday, August 31, 2009

गूगल की नज़र में हम भारतीय !

www.google.com पर जाये और टाइप करे "why are indians"। गूगल आपको ऑटो सजेस्ट में जो देगा वो गूगल की हम भारतीयों के बारे में समझ को दर्शाता है ।

Saturday, August 15, 2009

बचपन की यादों में स्वतंत्रता दिवस

मेरे बचपन की यादों में स्वतंत्रता दिवस पर विविध भारती पर बजने गाने वाला एक देशभक्ति का गीत जो आज सुनाता हूँ ।
इन्साफ़ की डगर पे ....

इन्साफ़ की डगर पे,बच्चों दिखाओ चल के
ये देश है तुम्हारा, नेता तुम्हीं हो कल के

दुनिया के रंज सहना और कुछ न मुँह से कहना
सच्चाइयों के बल पे आगे को बढ़ते रहना
रख दोगे एक दिन तुम संसार को बदल के

इन्साफ़ की ...

अपने हों या पराए सबके लिये हो न्याय
देखो कदम तुम्हारा हरगिज़ न डगमगाए
रस्ते बड़े कठिन हैं चलना सम्भल-सम्भल के

इन्साफ़ की ...

इन्सानियत के सर पर इज़्ज़त का ताज रखना
तन मन भी भेंट देकर भारत की लाज रखना
जीवन नया मिलेगा अंतिम चिता में जल के

इन्साफ़ की ...

Wednesday, August 12, 2009

नसीब आजमाने के दिन ... (फ़िल्म: मुहाफिज़/In Custody)

नसीब आजमाने के दिन आ रहे हैं
करीब उनके आने के दिन आ रहे हैं

जो दिल से कहा है जो दिल ने सुना हैं
सब उनको सुनाने के दिन आ रहे हैं

अभी से दिल-ओ-जान सार-ए-राह रख करो
के लुटाने लुटाने के दिन आ रहे हैं

टपकने लगी उनके निगाहों से मस्ती
निगाहें चुराने के दिन आ रहे हैं

सबा फिर हमें पूछती रही है
चमन को सजाने कश्मीर दिन आ रहे हैं

फ़िल्म: मुहाफिज़/In Custody (1993)
गायक: शंकर महादेवन
संगीतकार: उस्ताद जाकिर हुसैन और उस्ताद सुलतान खान

अगर आप किसी के पास यह ग़ज़ल हो तो कृपया मुझे भेज दे

और जाने ...

Tuesday, August 4, 2009

एक था "अब्दुल करीम" !

क्या आपने कभी यह नाम सुना है, कम से कम मैंने तो नहीं सुना था। मुझे आज ही पता चला की यह नाम "किशोर कुमार" का है। जिन्हें हम सब किशोर दा के नाम से जानते है।यह बात तब की है जब किशोर दा ने मधुबाला से निकाह करने के लिए अपना धर्म बदला था। मधुबाला का नाम 'मुमताज़ बेग़म जहाँ देहलवी' था। मधुबाला एक पश्तून मुस्लिम परिवार की थी। ह्रदय की बीमारी की वजह से वो करीब १० साल तक बिस्तर पर रही थी।

किशोर ने मधुबाला से किये अपने वादे को उनके मरने से पहले पूरा किया। इसी वजह से किशोर कुमार को अपना धर्म और नाम बदलना पड़ा। अपना नाम बदल के "अब्दुल करीम" रहना पड़ा।

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Friday, July 31, 2009

बदलाव की दुनिया में कोका कोला का ठहराव !

पेप्सी ने अपने लोगो में 1898 से अब तक 11 बदलाव किए है जब की कोका कोला ने कोई बदलाव नहीं किया है

यह जानकारी मुझे अमित जी से मिली है

Thursday, July 23, 2009

शायद! मैं आशावादी हूँ ?

एक निराशावादी प्रत्येक अवसर में कठिनाई देखता है
एक आशावादी हर कठिनाई में अवसर देखता है

Friday, July 17, 2009

गूगल अब भारत की गलियों में सर्च करने वालो को ढूढेगा

"जैसा देश वैसा वेश" पर अमल करते हुए Google ने भारत में online(Internet) Search को बढावा देने के लिए offline (Print Ad) पेपर में विज्ञापन दिया है।

टाईम्स ऑफ़ इंडिया (TOI) के "Nagpur Times" सिटी संस्करण में Google ने चौथाई पेज का print ad दिया है, जिसका टाइटल है "Take off to exciting destinations। Keep your airfare on ground"। उसमे Google ने User से कहा है कि कही जाने से पहले Internet में Google पर सर्च करें और सही होटल और हवाई टिकेट पाए। उस विज्ञापन में एक सर्च बॉक्स है उसमे लिखा है "Cheap tickets Goa".


मुझे लगता है Microsoft के सर्च इंजन "Bing" के आने के बाद Google को यह कदम उठाना पड़ा है, Google के इस कदम को देख के तो यह लगता है कि Microsoft के "Bing" ने "Google Search" को बहुत नुकसान पहुचाया है।

Friday, July 10, 2009

कुछ तो दुनिया कि इनायात ने दिल तोड़ दिया

आज बहुत दिनों बाद मैनें पुराने CD कलेक्शन को देखा तो उसमे एक CD बेगम अख्तर की मिली। उसमे से आपको अपनी पसंदीदा ग़ज़ल सुनाता हूँ ।


कुछ तो दुनिया कि इनायात ने दिल तोड़ दिया
और कुछ तल्ख़ी-ए-हालात ने दिल तोड़ दिया

हम तो समझे थे के बरसात में बरसेगी शराब
आई बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया

दिल तो रोता रहे, ओर आँख से आँसू न बहे
इश्क़ की ऐसी रवायात ने दिल तोड़ दिया

वो मेरे हैं, मुझे मिल जायेंगे, आ जायेंगे
ऐसे बेकार ख़यालात ने दिल तोड़ दिया

आप को प्यार है मुझ से के नहीं है मुझ से
जाने क्यों ऐसे सवालात ने दिल तोड़ दिया


Wednesday, July 8, 2009

अलविदा ! जैक्सन - एक श्रद्धांजलि

शिकागो के एक उपनगरीय औद्योगिक इलाके ग्रे में रहने वाले केथरीन और जोसेफ के घर 29 अगस्त 1958 को उनके सातवें बच्चे ने जब जन्म लिया तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन यह बच्चा सबका चहेता बनेगा और संगीत की दुनिया का बादशाह कहलाएगा।

संगीत जेक्सन परिवार की रगों में दौड़ता था, माइकल के पिता जोसेफ पेशे से एक क्रेन ऑपरेटर थे मगर एक स्थानीय बैंड 'फॉल्कन' में गिटार बजाते थे। माइकल की माँ केथरीन को कंट्री म्यूजिक बहुत पंसद था और उन्होनें अपने बच्चों को गाना गाना सिखाया।पाँच साल का होते-होते माइकल ने स्टेज पर अपनी गायकी की प्रतिभा दिखाना शुरू कर दिया। पिता के निर्देशन में अपने चार बड़े भाइयों के साथ उन्होंने एक से एक नंबर प्रस्तुत कर संगीत की दुनिया में पदार्पण कर लिया था।

मोटॉउन रिकार्ड ने माइकल को महज पाँच साल की उम्र में ही साइन कर लिया था, जिस वजह से जैक्सन परिवार ने केलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स शहर में अपना नया आशियाना बनाया। अपने शानदार डांस, गायकी की बदौलत और अलग ही अंदाज ने माइकल को तुरंत ही सफलता दिला दी। उनका पहला सिंगल 'आई वॉंट यू बैक' नवम्बर 1969 में रिलीज हुआ और जबरदस्त सफलता हासिल की। इसके बार माइकल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और 1970 में एबीसी, 'द लव यू सेव' व 'इट विल बी देयर' नंबरों ने सफलता के नए आयाम रचे। सिर्फ 11 वर्षीय माइकल प्रमुख गायक बन चुका था और भविष्य के सुपरस्टार की झलक उसमें मिलने लगी थी। 1975 में जैक्सन मोटॉउन छोड़कर एपिक रिकार्ड से जुड़ गए और अपने ग्रुप का नाम बदलकर जैक्सन्स कर दिया। एंजॉय युअरसेल्व और शेक युअर बॉडी जैसे पॉप नंबरों ने रिकार्ड तोड़ सफलता हासिल की। 1979 में माइकल ने एपिक रिकार्ड के साथ अपना पहला सोलो एलबम 'ऑफ द वॉल' निकाला, इसका निर्माण क्वींसी जोंस ने किया था। 'डोंट स्टॉप', 'टिल यू गेट इनफ', 'रॉक विथ यू' जैसे नंबरों से सजे इस एलबम की 7 मिलियन कॉपी बिकी थीं।1982 में माइकल ने अपना दूसरा सोलो एलबम 'थ्रिलर' पेश किया जिसके गानों ने माइकल को अविदित सुपरस्टार का दर्जा दे दिया।

बिली जीन और बीट इट जैसे सुपरहिट नंबरों ने टॉप चार्ट पर अरसे तक राज किया और थ्रिलर अब तक के सबसे ज्यादा बिकने वाले एलबमों में से एक है।1984 में थ्रिलर को 11 में से 8 ग्रेमी अवॉर्ड मिले और इसे 20 प्लेटिनम सर्टीफाइड किया गया है। इसी साल पेप्सी के एक विज्ञापन के दौरान हुई दुर्घटना में माइकल के सिर के बाल जल गए और उनकी खोपड़ी का कुछ भाग भी झुलस गया। 1987 तक माइकल को किंग ऑफ पॉप की उपाधि से नवाजा गया और उनके तीसरे एलबम 'बैड' को 4 बार प्लेटिनम सर्टीफिकेट मिला। इसमें माइकल के 5 सिंगल थे। टाइटल ट्रेक 'मैन इन द मिरर' और 'डर्टी डायना' जैसे नंबरों ने फिर से तहलका मचा दिया। 1990 में माइकल ने टैडी राइली के साथ अपना चौथा एलबल 'डेंजरस' निकाला, इस एलबम की 20 मिलियन कॉपी बिकीं। इसके 11 मिनट के म्यूजिक वीडियो 'ब्लैक ऑर व्हाइट' जब फॉक्स नेटवर्क पर दिखाया गया तो चैनल को सबसे ज्यादा नेल्सन रेटिंग मिली थी।

फरवरी 1993 में ऑपरा विंफ्री शो में माइकल ने अपनी त्वचा का रंग बदलने की वजह 'विल्टिगो' को बताया, उन्होंने यह भी स्वीकार किया की बचपन में वे अपने पिता से इतना डरते थे कि बीमार हो जाते थे। इसी साल नवम्बर में माइकल को अपने सिर की सर्जरी के दौरान पेनकिलर्स की आदत और सिर की शल्यक्रिया के लिए अपने वर्ल्ड टूर को स्थगित करना पड़ा। 1994 से इस सितारे को मानो किसी की नजर लग गई और एक बच्चे के परिवार ने उन पर सेक्सुअल अब्यूज का आरोप लगाया, जिसके एवज में माइकल ने उक्त परिवार को 20 मिलियन डॉलर की सेटलमेंट राशि दी। हाँलाकि उन पर कोई अपराधिक मामला दायर नहीं हुआ पर इस मामले ने उनकी छवि को गहरा धक्का पहुँचाया।

18 मई 1995 में किंग ऑफ पॉप ने रॉक के शहजादे एल्विस प्रेस्ली की बेटी लिसा प्रेस्ली से शादी कर ली। एमटीवी वीडियो म्यूजिक अवॉर्ड्स में इस जोड़ी के ऑनस्टेज किस ने बहुत सुर्खियाँ बटोरी। हालाँकि यह जोडी सिर्फ दो साल तक ही साथ रह पाई और 18 जून 1996 में माइकल और लिसा ने तलाक ले लिया। नवम्बर 15 को माइकल ने अपनी नर्स डेबी रो से विवाह किया, जिसने प्रिंस माइकल जैक्सन जूनियर (1997) तथा पेरिस माइकल केथरीन (3 अपैल 1998) को जन्म दिया। 1999 में माइकल और डेबी का तलाक हो गया मगर बच्चे माइकल के पास रहे। 2001 में माइकल को रॉक एंड रोल हॉल ऑफ फेम में सोलो आर्टिस्ट का खिताब मिला मगर उनका एलबम इंविंसिबल फ्लॉप साबित हुआ। 2002 में माइकल एक बार फिर आलोचना के घेरे में आ गए जब उन्होंने अपने दूसरे बेटे प्रिंस माइकल द्वितीय को बालकनी से बाहर लटका दिया।हालाँकि एक पत्रिका में दिए इंटरव्यू में उन्होंने इसे भयानक गलती माना। फरवरी 2003 में एक बार फिर माइकल की छवि को गहरा धक्का लगा, जब ब्रिटिश पत्रकार मार्टिन बशीर कृत डाक्यूमेंट्री 'लिविंग विथ माइकल जैक्सन' का टीवी पर प्रसारण हुआ, माइकल ने इसे खारिज करते हुए बयान दिया कि इसमें सेक्सुअल कुछ भी नहीं है।

नवम्बर 2003 में माइकल पर चाइल्ड अब्यूज के गंभीर आरोप लगे और उन्हें 2 दिनों की हिरासत में रहना पड़ा। उन पर एक 12 वर्षीय बच्चे ने यौन शोषण का आरोप लगा और केलिफोर्निया स्थित उनके रेंच नेवरलैंड पर सांता बारबरा शेरिफ डिपार्टमेंट और डिस्ट्रिक्ट एटार्नी ऑफिस ने तलाशी ली। 13 जून 2005 को ज्यूरी ने माइकल को सभी 10 अभियोगों से बरी कर दिया। इस फैसले से माइकल को बड़ी राहत पहुँची।

मार्च 2009 में माइकल ने घोषणा की कि वो कम से कम 10 बार लंदन के ओ2 एरीना में कंसर्ट करेंगे और यह उनका आखिरी कंसर्ट होगा। इसके पहले कि वो यह कंसर्ट कर पाते 25 जून 2009 को लॉस एंजिल्स स्थित अपने घर में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।माइकल जैक्सन आज हमारे बीच नहीं है पर उनकी यादें उनके गीतों के माध्यम से हमेशा इस दुनिया में रहेंगी।

Source: Webdunia

Tuesday, July 7, 2009

बजट: क्‍या सस्‍ता, क्‍या महंगा हुआ

क्‍या-क्‍या होगा सस्‍ता: एलसीडी की कीमतें 1500 से 4500 तक घटेंगी। जीवन रक्षक दवाएं, ब्रांडेड ज्‍वेलरी, सीएफएल बल्‍ब, मकान, वॉटर प्‍यूरीफायर, बायोडीजल, कंबल, कालीन, प्रेशर कूकर, ट्यूबलाइट, मोबाइल फोन, कंप्‍यूटर सॉफ्टवेयर, खेल उपकरण, चमड़े के उत्‍पाद, जूते-चप्‍पल, लक्‍जरी कारें, कंप्‍यूटर, आदि सस्‍ते होंगे।

क्‍या-क्‍या महंगा होगा: प्रणब मुखर्जी के इस बजट के अंतर्गत सेट टॉप बॉक्‍स, सोना, चांदी, कॉस्‍मेटिक प्रॉडक्‍ट्स, कपड़े, कागज, गत्‍ता, कॉटन, किचन अप्‍लाइंसेस, आदि महंगे होंगे।

Thursday, July 2, 2009

आर्थिक मंदी में देश को सुनहरे भविष्य का सपना

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आर्थिक सर्वेक्षण आज संसद में पेश किया। आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि मौजूदा कारोबारी साल में देश की विकास की रफ्तार 7 से 7.5 परसेंट के बीच रह सकती है। अगर सरकार रिफॉर्म में तेजी लाती है, फ्यूल सब्सिडी खत्म करने जैसे कदम उठाती है और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर जोर देती है तो आने वाले वर्षों में विकास की गति और तेज हो सकती है।
सर्वे में सेस, टैक्स पर सरचार्ज, एसटीटी और सीटीटी (सिक्युरिटीज और कमोडिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स)और फ्रिंज बेनिफिट टैक्स हटाने की भी वकालत की गई है। साथ ही कहा गया है कि बीमा क्षेत्र में 49 परसेंट एफडीआई की इजाजत दी जाए।

सोमवार को आने वाले जनरल बजट से पहले आज संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि महंगाई अब देश के सामने बड़ी चुनौती नहीं है और ऐसे में वित्तीय घाटे को 3 परसेंट के स्तर पर फिर से लाने की जरूरत है। देश का वित्तीय घाटा 2009-2009 में बढ़कर 6.2 परसेंट हो गया था क्योंकि ग्लोबल मंदी से निबटने के लिए सरकार ने अर्थव्यवस्था के लिए कई पैकेज दिए और सरकारी खर्च को बढ़ाया गया।

कुल मिलाकर देश की अर्थव्यवस्था को लेकर वित्त मंत्रालय का रुख सकारात्मक है और इस समय वित्त मंत्रालय का जोर आर्थिक सुधारों पर है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि अगर महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले किए गए और विकास की रुकावटें दूर कर दी गईं तो 8.5 परसेंट से 9 परसेंट की विकास दर हासिल करना संभव है। मार्च 2008 से पहले के 3 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 9 परसेंट या ज्यादा रफ्तार से तरक्की की थी। सर्वे के मुताबिक ये जरूरी है कि सरकार लंबित पड़े रिफॉर्म को फिर से शुरू करे। पिछली सरकार में लेफ्ट के विरोध के कारण सुधार का एजेंडा आगे नहीं बढ़ पाया था। लेकिन अब वो बाधा भी दूर हो चुकी है।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि सरकारी कंपनियों को बेचकर हर साल 250 अरब रुपए जुटाए जाने चाहिए। खाद और अनाज सब्सिडी में रिफॉर्म लाना चाहिए और साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकारी और निजी और सरकारी निवेश की अड़चनों को दूर करना चाहिए।

आर्थिक सर्वेक्षण में चीनी और खाद पर प्राइस कंट्रोल हटाने की वकालत की गई है। कहा गया है कि अभी जो सब्सिडी चीनी और खाद कंपनियों को दी जाती है उसे सीधे कंज्यूमर तक पहुंचाया जाए। साथ ही सर्वे में जीवनरक्षक दवाओं को छोड़कर बाकी दवाओं को प्राइस कंट्रोल से मुक्त करने की वकालत की गई है। सर्वे में कहा गया है कि सभी कमोडिटी के वायदा कारोबार पर पाबंदी हटाई जानी चाहिए।

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि अप्रैल 2010 तक गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी लागू करना चाहिए ताकि ज्यादा राजस्व सरकार के पास आए और टैक्स की पूरी प्रक्रिया आसान हो जाए। सर्वे में ये भी कहा गया है कि इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कम कीमत को देखते हुए पेट्रोल और डीजल की कीमत पर सरकारी नियंत्रण खत्म करना चाहिए।

Monday, April 27, 2009

अभी मैं जिंदा हूं

बंगलौर बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता फिरोज खान का बीती रात बंगलौर में निधन हो गया है। वे पिछले कुछ समय से कैंसर से पीड़ित थे। वे एक बेहतरीन अभिनेता थे और उन्होंने बॉलीवुड में अपने अभिनय और संवाद अदायगी में खासा नाम कमाया था।
फिरोज खान का जन्म बंगलौर में हुआ था। उनके पुत्र फरदीन खान भी बॉलीवुड फिल्मों में अभिनय कर रहें है।
१९६क् में उनकी पहली फिल्म दीदी रीलिज हुई थी। उनकीं बेहतरीन फिल्मों में कुर्बानी, धर्मात्मा और जाबांज प्रमुख थी। १९६५ में उनके अभिनय से सजीं फिल्म उंचे लोग बेहद पसंद की गई थी। उसके बाद तो उन्होंने कई हिट फिल्मों में काम किया। सन २क्क्७ में उनकें अभिनय से सजीं वेलकम भी काफी हिट हुई थी। इसमें उनका बोला गया डॉयलाग अभी मैं जिंदा हूं काफी पसंद किया गया था।

फ़िल्मी सफ़र
वेलकम 2007, एक खिलाड़ी एक हसीना, जानशीन 2003, यलगार 1992,मीत मेरे मन का 1991, दयावान 1988, जाबांज १९८६,कच्चे हीरे १९८२, कुर्बानी १९८क्, चुनौती १९८क्, दरिंदा १९७७, जादू टोना १९७७, नागिन १९७६, शराफत छोड़ दी मैनें
१1970 से1975के बीच
धर्मात्मा, आ जा सनम काला सोनारानी और लालपरीइंटरनेशनल क्रुक, अंजान राहे, गीता मेरा नाम, खोटे सिक्के, किसान और भगवान, कश्मकस, अपराध, उपासना. एक पहेली,मेला
सफर1960 से 1970 के बीच
आदमी और इंसान, प्यासी शाम, आग, औरत, सीआईडी ९क्९, रात और दिन, वो कोई ओर होगा, मैं वहीं हूं, तस्वीर, आरजू, एक सपेरा एक लुटेरा, उंचे लोग, तीसरा कौन, सुहागन, बहूरानी, टार्जन गोज इंडिया, मैं शादी करने चला, दीदी 1960 पहली फिल्म

Source: भास्कर

Thursday, February 26, 2009

पचास की हुई स्वीट सिक्सटीन

1959 में जब रथ हैंडलर ने फैशन डॉल के रूप में बार्बी को लॉन्च किया, तब न तो उन्हें और न ही उनके पति इलियट को भविष्य में इसे मिलने वाले रिस्पॉन्स का अंदाजा था। पर आज जब बार्बी को वजूद में आए पूरे पचास साल होने जा रहे हैं। तब इस मौके के लिए खासतौर पर दुनिया भर के मशहूर फैशन डिजाइनर बार्बी थीम पर ड्रेस कलेक्शन और प्रॉडक्ट्स लॉन्च कर रहे हैं। बार्बी के फैंस में विंटेज बार्बी डॉल्स की डिमांड बढ़ गई है। रथ हैंडलर व इलियट की कंपनी और बार्बी की निर्माता मैटल को मालिबू बार्बी समेत तमाम पुरानी डॉल फिर से डिजाइन करनी पड़ रही हैं।

ऐसे हुआ बार्बी का बर्थ बार्बी को बनाने का आइडिया अमेरिकी बिजनेसवूमन रथ हैंडलर (1916-2002) के दिमाग में आया था। अपनी बेटी को कागज की गुड़िया से खेलते देख रथ ने महसूस किया कि बच्चों को डॉल को बड़ों का लुक देने में बड़ा मजा आता है। पर तब जो डॉल चलन में थीं, वे छोटे बच्चों को रिप्रेजेंट करती थीं। तब रथ ने अडल्ट बॉडी वाली एक डॉल बनाने की सोची, पर न तो उनके पति को यह आइडिया जंचा और ना ही वे अपने आइडिया को हकीकत में उतार पाईं। 1956 में जब वे यूरोप टूर पर गईं तो जर्मनी की डॉल लिली को देखकर उनके दिमाग में बार्बी का आइडिया फिर जागा। लिली काफी हद तक बार्बी जैसी ही थी। उसका कैरेक्टर एक वर्किंग गर्ल के रूप में डिजाइन किया गया था।

अमेरिका लौटने पर रथ ने इंजीनियर की मदद से डॉल पर दोबारा काम किया और फाइनल होने पर उसे बार्बी नाम दिया। बार्बी नाम रथ की बेटी बारबरा के नाम पर दिया गया था। इस तरह न्यू यॉर्क के अमेरिकन इंटरनैशनल टॉय फेयर में 9 मार्च 1959 को बार्बी लॉन्च की गई। इसके बाद तो मैटल कंपनी ने लिली डॉल के राइट्स खरीद लिए और लिली का प्रॉडक्शन बंद कर दिया और पूरा ध्यान बार्बी पर फोकस किया।
Source: नवभारत टाईम्स

Monday, February 23, 2009

भारत को 3 ऑस्कर, रसूल-रहमान (स्लमडॉग मिलिनेयर) स्माइल पिंकी को 1 अवॉर्ड

सालों के इंतजार के बाद आखिरकार भारत का परचम ऑस्कर अवार्ड समारोह के मंच पर लहरा गया। लास एंजेलिस के कोडैक थिएटर में चल रहे 81वें अवॉर्ड समारोह की शाम जहां भारत की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म स्लमडॉग मिलिनेयर ने एक के बाद एक 8 ऑस्कर अवॉर्ड जीते वहीं इस फिल्म के लिए साउंड मिक्सिंग का ऑस्कर बॉलीवुड के रसूल पोकुट्टी ने जीतकर इतिहास रच दिया। अवॉर्ड मिलने के बाद रसूल ने कहा कि मैं यह अवॉर्ड अपने देश को समर्पित करता हूं। ये सिर्फ एक अवॉर्ड नहीं बल्कि एक इतिहास है। बेस्ट ऑरिजनल स्कोर का अवॉर्ड भारत के संगीतकार ए आर रहमान को मिला। बेस्ट ऑरिजनल सांग के लिए गुलजार के लिखे जय हो गीत पर ए आर रहमान को दूसरा ऑस्कर मिला। इसी के साथ रहमान ऐसे पहले भारतीय बन गए हैं जिसने दो ऑस्कर पुरस्कार जीते हों।

रहमान ने ऑस्कर पुरस्कार प्राप्त करने के बाद तमिल भाषा में कहा, "ईश्वर महान हैं। रहमान ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा, "मुझे इस समय एक हिंदी फिल्म का डॉयलॉग याद आ रहा है। जिसमें नायक कहता है कि मेरे पास मां है। मेरी मां यहां है, उनका आशीर्वाद मेरे साथ है। यह मेरे लिए खुशी की बात है। रहमान ने कहा कि मेरी पूरी जिंदगी प्यार और नफरत के बीच झूलती रही और मैंने प्यार को चुना, जिसकारण मैं यहां हूं।

भारतीयों के लिए खुशी के बात ये भी है कि यहां की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म 'स्माइल पिंकी'को बेस्ट शॉर्ट फिल्म का पुरस्कार मिला है। इसे अमेरिका के फिल्मकार मेगान मेलॉन ने बनाया है। इस फिल्म के माध्यम से मेलॉन ने पिंकी नाम की एक गरीब लड़की के संघर्ष की प्रेरणादायी कहानी दिखाई है।

Source: आई बी एन खबर

Friday, February 13, 2009

रफ़्तार डॉट इन की कार्टून सेवा"

रफ़्तार डॉट इन" हिन्दी सर्च इंजन है जो हिन्दी की अग्रिम वेबसाइट है जो लगातार हिन्दी सेवा में अग्रसर है. इसी कड़ी में रफ़्तार की नई पहल है "रफ़्तार कार्टून". इस सेवा में भारत के सभी कार्टूनिस्ट के कार्टूनों को एक ही जगह पर दिखाया गया है. इसका URL है "http://www.raftaar.in/rss/external/cartoon.aspx" यह अभी टेस्ट संस्करण है. जल्दी ही इसे एक सर्विस के तरह के आएगा.रफ़्तार की अन्य हिन्दी सेवाएँ